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एक शाम

एक शाम एक शाम थकी सी खड़ी हैं मेरे दरवाजे पर अपनी गुलाबी साड़ी सवारें आँचल में खेलता एक सांवला सा बादल शिशु लिपटा गुलाबी कपड़ों में अंजुलि पसारे उड़ते बगुलों का झुण्ड उसकी दाँतो की लड़ी सी उसकी हँसी कोई कैसे बिसारे कुछ ऐसे ही पल थे जब हम तुम मिले थे उस शाम नदी के किनारे

चींटी और कबूतर

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एक चींटी थी।  वह बहुत मेहनती थी।  एक दिन वो नदी के पास पानी पीने गयी और गलती से पानी में फिसल गयी और पांइट की धारा में बहने लगी। एक कबूतर  उसे देख रहा था। उसको चींटी के ऊपर दया आ गयी। उसने एक पत्ता तोड़ा और चींटी के पास फेंक  दिया। चींटी उस पत्ते पर चढ़ गयी।  कुछ देर के बाद पत्ता नदी के किनारे आ लगा। चींटी ने कबूतर को धन्यवाद दिया।  उसके बाद चींटी और कबूतर अच्छे दोस्त  बन गए। एक दिन जंगल में एक शिकारी आया।  उसके पास धनुष और बाण थे।  वह उनसे चिड़ियों का शिकार करता था। उस शिकारी ने कबूतर को देखा और अपना धनुष बाण कबूत को मारने के लिए साधने लगा। चींटी ने उसे देख लिया पर कबूतर इस बात से बेखबर था। चींटी अब परेशांन हो गयी।  वो सोचने लगी कि कबूतर की जान कैसे बचाई जाये। इतने में उसे एक उपाय सूझा। वो जल्दी से शिकारी के पास पहुँची। शिकारी उसे उसके आकार के कारण नहीं देख पाया।  चींटी ने शिकारी के पाव में जोर से काटा।  शिकारी का निशाना चूक गया। उसका बाण सर सराता कबूतर के पास से निकल गया।  कबूतर सावधान हो गया और तुरंत वह से उड़ गया। ...

हमारा दिल मिला रहे

न कोई शिकवा आपसे न कोई गिला रहे , आरजू है बस इतनी कि एक सिलसिला रहे, दोस्ती की जो सौगात जो अपने दी है वो नही है कम , फिर भी दिल की है तमन्ना अब न कोई फासला रहे, दूरिया हो कितनी हमारे दरमिया नही कोई ग़म , बस आपसे मिलने की दिल में हौसला रहे, मुश्किलें जिंदगी की मिलजुल कर सह लेगे हम, फक्त जरूरत है कि हमारा दिल मिला रहे।

जबसे मुझे तुमसे प्यार हुआ है

डूबा रहता हूँ सदा तेरे ख्यालो मे , जबसे मुझे तुमसे प्यार हुआ है, आँखे है तेरी एक झलक को प्यासी , जबसे मुझको तेरा इंतजार हुआ है, नीद गायब है उस दिन से मेरी आँखों से, जिस दिन से मुझे तेरा दीदार हुआ है, खुदा की बन्दगी छोड़ बैठा हूँ , जबसे तुझपे एतबार हुआ है, सुनना चाहता हूँ बस तेरी ही बातें, जबसे मुझे इकरार हुआ है, कुछ खो दिया है मैंने शायद , जबसे ये दिल तुझपे निसार हुआ है , तुम हो मेरे और सिर्फ़ मेरे , इस बात का दिल को यकीं बार बार हुआ है. -----------------ललित कुमार पटेल १७/१२/०८ 

बड़ा ही महत्व हैं

पाजामे ने नाड़े का। मौसम में जाड़े का। मकान में भाड़े का। बड़ा ही महत्व हैं।। घर में लुगाई का। सर्दी में रजाई का। पेशे में नाइ  का। बड़ा ही महत्व हैं।। दोपहर में काफ़ी का। दरवाजे में चाभी का। बच्चो में टॉफी का। बड़ा ही महत्व हैं।।

रंगा शियार

एक शियार जंगल के जीवन से ऊब कर शहर के ओर  रुख करता हैं।  शहर पहुँचने  पर वो अचंभित रह गया।  ऊँची ऊँची इमारते , पक्की सड़के  और पेड़ो का नामोनिशान नहीं। शहर लोगो से भरा पड़ा था। दिन में तो वो शियार एक फ्लाईओवर के नीचे छुपा रहा। रात में जब वो निकला  तो कुत्ते उसके पीछे पड़ गए। कुत्तो से भागता , बचता बचाता वह एक घर में गुस गया।  वो घर एक रंगरेज का था। रंगरेज ने कपड़े  रंगने के लिए नीला रंग बना के रखा था और वो शियार उसमे गिर गया।  शियार जब बाहर  निकला तो नीले रंग का हो गया था।  शियार ने शहर से तौबा किया और फिर से जंगल में भाग गया। जंगल में पहुँचते पहुँचते उसका रंग सुख कर एकदम पक्का हो गया।  अब शियार का रंग पूरा नीला था।  जंगल में ऐसे प्राणी को किसी ने पहले कभी नहीं देखा था। सब लोग उससे डरने लगे। शियार ने इस मौके का फायदा उठाने के सोची। उसने सब जानवरो से कहा कि उसे स्वयं भगवान् ने बाकी सब जानवरो पर राज करने के लिए भेजा  हैं और सारे जानवरो को उसकी सेवा करनी चाहिये।  सारे जानवर उसकी बातों  में आ गये और शियार को अपना र...

बिहारी लाल और गागर में सागर

बिहारी लाल हिंदी साहित्य के जाने माने कवि थे। उनके बारे में कहा जाता था कि  वो अपनी दोहो  के माध्यम से गागर में सागर भरने में कुशल थे। यहाँ गागर में सागर से तात्पर्य है कि  वो एक ही दोहे में पूरी कहानी कहने में समर्थ थे। उनके दोहो का संकलन "बिहारी सतसई" के नाम से विख्यात है। जिसके बारे में कहा जाता है।  सतसैया के दोहे , ज्यो नाविक के तीर।  देखन में छोटे लगे,घाव करे गंभीर।।  "बिहारी सतसई" एक दोहा मैं यहाँ उदाहरण के रूप दे रहा हूँ। "कहत नटत रीझत खीजत मिलत खिलत लजियात।   भरे भवन  में करत है  नैनन ही से बात। । यहाँ नायक और नायिका किसी उत्सव में मिलते हैं। पूरा भवन लोगो से भरा हैं किन्तु नायक और नायिका आँखों  ही आँखों  से बात कर लेते है।  नायिका पहले नायक की बात मान लेती फिर मना  कर देती हैं।  फिर वो रीझती और गुस्सा करती हैं। अंत में दोनों की आँखे मिलती और नायिका का खिल उठती और शर्मा जाती है।  इस तरह वो दोनों लोगो से भरे भवन में भी केवल आँखों  के द्वारा बात करने में सक्षम हैं। एक और दो...