भगवान जो करता है सही करता है



एक दिन एक विद्वान् आदमी कही जा रहा था।  उसे रास्ते में एक कद्दू का खेत दिखा।  खेत में कद्दू के बड़े बड़े  फल थे। कद्दू के छोटे से पेड़ में बड़े बड़े फल देख कर वो आदमी हैरान रह गया। उसने सोचा इतने छोटे से पेड़ में इतने बड़े फल कैसे हो सकते हैं।  भगवान् से जरूर कोई गलती हो गयी है। वह मन ही मन भगवान् के ऊपर हँसते हुए वह आगे बढ़ गया।  थोडी दूर जाने के बाद उसे एक आम का पेड़ मिला।  पेड़ में छोटे छोटे आम के सुन्दर फल लगे हुए थे।  यह देखकर उस आदमी को और अचम्भा हुआ।  उसने सोचा इतने बड़े पेड़ में इतने छोटे छोटे फल कैसे संभव है।  भगवान् से निश्चय  ही बड़ी भारी गलती हुई है।  वह ऐसा विचार कर ही रहा था कि एक हवा का झोका  आया और एक आम उस व्यक्ति के नाक पर गिरा।  उसकी नाक से रक्त निकलने लगा।  वो दर्द के मारे बिलबिला उठा। तभी उसे एहसास हुआ  कि  अगर इस पेड़ में कद्दू के आकार के फल होते तो क्या होता।  मेरी तो जान ही चली जाती।  उसे भगवान् के ऊपर संदेह करने के लिए पछतावा होने लगा।  

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