दोस्तों से
तुम्हारा वही हँसता खेलता ललित दुलारा हूँ मै,
क्या हुआ जो नए रिश्ते बने,
पर दिल से अभी भी तुम्हारे प्यार का मारा हूँ मै,
मिलना बिछुड़ना तो लगा ही रहता है,
पर किसी की जिंदगी का अब सहारा हूँ मै,
उन लम्हों की याद अभी भी है ताजा ,
जिन लम्हों को तुम्हारे साथ दोस्तों गुजारा हूँ मै,
मत समझो ये दोस्ती यही खत्म हुई ,
दिल से ,ऐ मेरे दोस्तों अभी भी तुम्हारा हूँ मै।
-------------ललित कुमार पटेल ३०/६/०८
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